Tuesday 18 February 2020

ગાંધીવિચાર સંસ્કાર પરીક્ષામાં વિદ્યાર્થીઓએ જીલ્લા કક્ષાએ ઉત્કૃષ્ટ પ્રદર્શન કર્યું, તે બદલ  અમારી શાળાને સ્મૃતિચિહ્ન અને વિદ્યાર્થીઓને પ્રમાણપત્ર અપાયા.

Tuesday 19 July 2011

10 बातें जो हम जापानियों से सीख सकते हैं

1. शान्ति  
सुनामी के बाद प्रसारित किसी भी वीडियो में छाती पीटते और पछाड़ें मारते जापानी नहीं दिखे. उनका दुःख कुछ कम था पर जनहित के लिए उन्होंने उसे अपने चेहरे पर नहीं आने दिया.
2. गरिमा
पानी और राशन के लिए लोग अनुशासित कतारबद्ध खड़े रहे. किसी ने भी अनर्गल प्रलाप और अभद्रता नहीं की. जापानियों का धैर्य प्रशंसनीय है.
3. कौशल
छोटे मकान अपनी नींव से उखड़ गए और बड़े भवन लचक गए पर धराशायी नहीं हुए. यदि भवनों के निर्माण में कमियां होतीं तो और अधिक नुकसान हो सकता था.
4. निस्वार्थता
जनता ने केवल आवश्यक मात्रा में वस्तुएं खरीदीं या जुटाईं. इस तरह सभी को ज़रुरत का सामान मिल गया और कालाबाजारी नहीं हुई (जो कि वैसे भी नहीं होती).
5. व्यवस्था
 दुकानें नहीं लुटीं. सड़कों पर ओवरटेकिंग या जाम नहीं लगे. सभी ने एक-दूसरे की ज़रूरतें समझीं.

6.
त्याग
विकिरण या मृत्यु के खतरे की परवाह किये बिना पचास कामगारों ने न्यूक्लियर रिएक्टर में भरे पानी को वापस समुद्र में पम्प किया. उनके स्वास्थ्य को होने वाली स्थाई क्षति की प्रतिपूर्ति कैसे होगी?
7. सहृदयता
भोजनालयों ने दाम घटा दिए. जिन ATM पर कोई पहरेदार नहीं था वे भी सुरक्षित रहे. जो संपन्न थे उन्होंने वंचितों के हितों का ध्यान रखा.
8. प्रशिक्षण
बच्चों से लेकर बूढों तक सभी जानते थे कि भूकंप सुनामी के आने पर क्या करना है. उन्होंने वही किया भी.
9. मीडिया
मीडिया ने अपने प्रसारण में उल्लेखनीय संयम और नियंत्रण दिखाया. बेहूदगी से चिल्लाते रिपोर्टर नहीं दिखे. सिर्फ और सिर्फ पुष्ट खबरों को ही दिखाया गया. राजनीतिज्ञों ने नंबर बनाने और विरोधियों पर कीचड़ उछालने में अपना समय नष्ट नहीं किया.
10. अंतःकरण
एक शौपिंग सेंटर में बिजली गुल हो जाने पर सभी ग्राहकों ने सामान वापस शैल्फ में रख दिए और चुपचाप बाहर निकल गए.
प्रलयंकारी संकट के क्षणों में अपने बर्ताव से जापानियों ने पूरी दुनिया को बहुत कीमती सबक दिए हैं. मैं चैनलों पर अक्सर ही देखता हूँ कि रिपोर्टर गुजरात के भूकंप या उड़ीसा के तूफ़ान के सालों बाद भी हालात के जस-के-तस होने की तस्वीरें दिखाते हैं. उम्मीद है कि सुनामी की पहली बरसी तक जापानी अपनी दुनिया को और बेहतर बना चुके होंगे. यकीन हो तो याहू न्यूज़ की 14 जून की यह खबर देखें जिसमें सुनामी के तीन महीने बाद के दृश्य यह बता रहे हैं कि जापानी जी-जान से अपने देश के पुनर्निर्माण में जुटे हैं. सुनामी से तबाह हो चुके नगरों को फिर से बसाने के लिए जापान कि सरकार ने 50 बिलियन डॉलर (लगभग ढाई लाख करोड़ रूपये) स्वीकृत किए हैं.
-       Sanjay Koriya
o   Gujarat, India